भौतिक प्रदेश अर्थात जहां हम रह रहे हैं स्थलमंडल पर तो यहाँ उपस्थित पर्वत ,पहाड़ , पठार ,वन ,वनस्पति आदि का किसी क्षेत्र विशेष मे अध्यन
भौतिक दृष्टि से भारत को मुख्य रूप से 6 भागो में बांटा गया हैं
महान हिमालय
उत्तर का विशाल मैदान
प्रायद्वीपीय पठार
तटीय मैदान
भारत का मरुस्थल
द्वीप समूह
महान हिमालय
भारत के उत्तर में हिमालय की पर्वतमाला नए और मोड़दार पहाड़ों से बनी है। यह पर्वतश्रेणी कश्मीर से अरुणाचल तक लगभग 2500 KM तक फैली हुई है!
हिमालय की चौड़ाई 200 से 400 km हैं
हिमालय में मुख्य 3 पहाड़िया हैं
1.हिमालय पर्वत श्रेणी
2.ट्रांस हिमालय
3.पूर्वांचल की पहाड़िया
हिमालय पर्वत श्रेणी
हिमालय की पर्वत श्रेणियों को भी तीन भागो में बांटा गया है
1.वृहद् हिमालय या हिमाद्री
2.निम्न हिमालय या हिमाचल हिमालय
3.शिवालिक हिमालय
1.वृहद् हिमालय या हिमाद्री
इसकी औसत ऊँचाई 4900मी० है यह हिमालय के तीनो भाग में सबसे ऊँचा है! माउंट एवरेस्ट इसी भाग में स्थित है!
माउंट एवरेस्ट, नेपाल में हैं जिसकी ऊँचाई 8850 मी० हैं भारत में इसकी सबसे ऊँची चोटी कंचनजंघा,( सिक्किम) हैं
जिसकी ऊँचाई 8586 मी० हैं हिमाद्री हिमालय ज़्यादातर बर्फ से ढँका होता है
हिमाद्रि के अंचल में, धौलगिरी, नंगा पर्वत, नंदादेवी, अन्नपूर्णा जैसे ऊँचे ऊँचे पर्वत हैं।
इस भाग में प्रमुख दर्रे जोजिला, कारा कोरम, नाथुला आदि हैं
2.निम्न हिमालय या हिमाचल हिमालय
इसकी औसत ऊँचाई 3600 से 4600 मी० तक है तथा
इसकी चौड़ाई 60 से 80 किमी० तक है!
टूरिस्ट सेंटर- शिमला, मंसूरी, नैनीताल इसी रेंज में स्थित है
हिमांचल पर्वत श्रेणी में ही कांगड़ा और कुल्लू प्रसिद्ध घाटिया हैं!
3.शिवालिक हिमालय
हिमालय का सबसे दक्षिणी भाग इसे शिवालिक भी कहते है! इसकी औसत ऊँचाई 900 से 1500 मी० है!
ट्रांस हिमालय
यह महान हिमालय के उत्तर में और तिब्बत के दक्षिण में स्थित है.
इसमें कराकोरम, लद्दाख, जास्कर, और कैलाश पर्वत श्रेणियां प्रमुख है.
ट्रांस हिमालय में भारत कि सबसे ऊँची और विश्व कि दूसरी सबसे ऊँची चोटी गोडविन ऑस्टिन (K-2) 8622 मी. हैं जो कराकोरम श्रेणी में स्थित है.
सिन्धु, सतलुज, और ब्रम्हपुत्र इस श्रेणी कि प्रमुख नदियाँ है.
भारत का सबसे बड़ा हिमनद "बाल्टेरों" इसी में स्थित है.
पूर्वांचल की पहाड़िया
यह भारत-म्यांमार सीमा पर उत्तर से दक्षिण अर्ध-चंद्रकार रूप में विस्तृत है. इस श्रेणी में नागा, पटकोई, और लुसाई पहाड़ियां प्रमुख है.
No comments:
Post a Comment